मनुष्य क्या है
मनुष्य एक बुद्धिमान ह्यूमन बीन है जो इस संसार के सभी वस्तु को यहाँ तक इंसान होते होये भी इंसान को काबू मे रखने की क्षमता रखता है!
मनुष्य के प्रकार
मनुष्य आनेखो प्रकार के है मनुष्य को पहचानना उसकी बुद्धि को मापना किसी मशीन के बस की बात नहीं है
मनुष्य ने क्या बनाया
मनुष्य ने दुनिया मे मिलने बाली सभी चीजों का निर्माण मनुष्य ने ही किया यहाँ तक सुपर कंप्यूटर का अभिस्कार भी मानुष ने ही अपनी बुद्धि से ही किया है
मनुष्य को किसने बनाया है
मनुष्य को इश्वर ने बनाया है
मनुष्य कि सोच कैसी होनी चाहिए
मनुष्य को कभी दुसरो के बारे मे नहीं सोचना चाहिए कभी दुसरो से दोस्ती नहीं करना चाहिए क्युकी इंसान ही इंसान का सबसे बड़ा दुश्मन होता है
मनुष्य का सौभाव कैसा होना चाहिए
मनुष्य का स्वभाव बहुत हि सरल और सिंपल होना चाहिए
मनुष्य को दुसरो के प्रति कैसा होना चाहिए
मनुष्य को दुसरो के प्रति विनर्म होना चाहिए
मनुष्य को दुसरो से क्या लेना चाहिए
मनुष्य को दुसरो से किसी प्रकार का लगाव नहीं होना चाहिए परतु आपकी वाणी और आपका व्यवहार बहुत ही अच्छा होना चाहिए सभी को खुशियाँ देने वाला और मददगार होना चाहिए
मनुष्य किस चीजे पर ध्यान देना चाहिए
मनुष्य को अपने लक्ष्य और वर्क के आलवा दुनियाबी चीजों पे ध्यान नहीं देना चाहिए
मनुष्य कैसा होता है
मनुष्य लालची , ईमानदारी, बाईमान सभी प्रकार के होते है कभी किसी भी इंसान पे आंख बंद करके भरोषा नहीं करना चाहिए
मनुष्य को कैसे रहना चाहिए
मनुष्य को शांत और खुद पे ध्यान रखने वाला होना चाहिए
मनुष्य की सफलता का कारण क्या है
मनुष्य की सफलता का सबसे बड़ा कारण उसका अपने लक्ष्य के ऊपर ध्यान रखना है
मनुष्य कि असफलता का कारण क्या है
मनुष्य की असफलता का मुख्य कारण है उसका दूसरो पे ध्यान और खुद की गलत आदत है
मनुष्य हमेसा सफल क्यों हो जाता है
मनुष्य कभी किसी की बातो और साथ से सफल नहीं होता है मनुष्य की खुद की आदत उसे सफल बना देता है
मनुष्य को क्या क्या छोड़ देना चाहिए
मनुष्य को अपने जीवन मे सभी चीजों का त्याग कर देना परतु आपने लक्ष्य को कभी छोड़ना नहीं चाहिए
मनुष्य को किस पर भरोसा करना चाहिए
मनुष्य को स्वम के कार्य और स्वम पे भरोषा होना चाहिए
मनुष्य का साथी क्या है
मनुस्य का साथी वो खुद और मौत है उसके आलवा उसका कोई नहीं है
मनुष्य को सांसर मे लाने वाला कौन है
मनुष्य को संसार मे लाने वाला कौन है मनुष्य को संसार मे लाने वाला उसकी माँ है एक औरत है
मनुष्य किसके पीछे भागता है
मनुष्य स्वार्थ और खुशी के पीछे भगता है
मनुष्य का दुश्मन कौन है
मनुष्य का दुश्मन उसका वाणी है
मनुष्य को सोचना नहीं चाहिए
मनुष्य को कभी सोचना नहीं चाहिए,सोचने से काम बिगड़ जाता है!
मनुष्य को ज़्यदा बोलना नहीं चाहिए
मनुष्य को ज़्यदा नहीं बोलना चाहिए क्युकी ज़्यदा बोलने से कॉम खराब हो जाता है
मनुष्य को किसी काम को समझदारी के साथ करना चाहिए
मनुष्य को कण्ट्रोल मे रखने वाली बॉडी पार्ट्स
मनुष्य को कण्ट्रोल मे रखने वाली बॉडी पार्ट्स है आंख, कान, थॉट्स, इन पर हमेसा कण्ट्रोल रखना चाहिए
मनुष्य को ध्यान किन चीजों पे देना चाहिए
मनुष्य को अपनी आंख और थॉट्स पे ध्यान देना चाहिए
मनुष्य को मदद कब देना चाहिए
मनुष्य को ध्यान, मदद, तभी देना चाहिए ज़ब आप पूरी तरह से फ्री हो
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