shefali jariwala death लोकप्रिय अभिनेत्री शेफाली जरीवाला अचानक मौत

वक़्त बदल रहा है ज़माना बदल रहा है इंसान बदला तो क्या होगा ,
शामों में बैठ के सोचा रातों में रोया दिन में मुस्कुराया तो क्या होगा।
ये इंसानी क़ुव्वत है हर दर्द-ए-दिल का हल निकाल ही लेता है,
अगर किसी से जुदा हुआ फिर भी ना हुआ अलहदा तो क्या होगा ।
ये इक सफ़र भी मुकम्मल नहीं आधी सांसें आधी रूह है,
इसकी मंज़िल तो मौत है जुस्तजू-ए-ज़ीस्त ना मिला तो क्या होगा।
सर्कसी में मसरूफ़ और अनजान है अपने मक़सद से,
ख़ुदा की नेमतों पे ग़ौर नहीं कर रहा यूँ इतराता रहा तो क्या होगा।
फूलों को मसला और तितलियों के पर तक नोच डालें,
क़ुदरत से क्यों उलझ रहा है गर क़ुदरत ने जवाब दिया तो क्या होगा।
आबशार तो ना जाने कितनी आँखें हैं और मायूसी भी,
इश्क़ तो बेशकीमती है अगर किसी ने ख़रीदना चाहा तो क्या होगा।
शिकस्ता हाल और मुन्तज़िर-ए-मोजज़ा इरफ़ान,
जो तुमने तसव्वुर किया है वो ना आया तो क्या होगा।
𝓘𝓻𝓯𝓪𝓷 ¬ عرفان
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