shefali jariwala death लोकप्रिय अभिनेत्री शेफाली जरीवाला अचानक मौत

2011 मे एक इंटरव्यू मे राज ठाकरे से पूछा गया कि मनमोहन सिंह को क्या करना चाहिए उन्होंने कहा इस्तीफ़ा दे देना चाहिए। फिर पूछा गया आप किसे प्रधानमंत्री देखना चाहोगे तो राज ने कहा गुजरात वाले नरेंद्र मोदी को।
उस समय किसी ने इस बात को सीरियस नहीं लिया, मगर नरेंद्र मोदी एक विकल्प बनकर उभरे। 2012 तक तो बच्चे बच्चे की जुबान पर नाम था, 2013 मे पार्टी की जुबान पर और 2014 मे तो पूरा भारत ही मोदीमय हो गया।
यदि 2029 मे मोदीजी दोबारा नहीं लड़ेंगे तो उनका उत्तराधिकारी ढूंढना RSS ने तो शुरू कर दिया होगा। सभी को अपनी थ्योरीज ढूंढ़नी चाहिए, मुझे देवेंद्र फडणवीस का नाम सबसे ऊपर दिखाई दे रहा है क्योंकि.....
अगला प्रधानमंत्री RSS का ही बनेगा और उसकी हिन्दी धाराप्रवाह होंगी ये तो तय है इसलिए योगी और हिमांता आउट। जनता मे पकड़ रखेगा इसलिए ज्योतिरादित्य सिंधिया, पीयूष गोयल और अश्विनी वैष्णव भी आउट। ये तीनो तो कॉर्पोरेट लेवल के लोग है, ज़ब विदेशियों को लूटना हो तो इनकी प्रतिभा आगे आएगी।
अगला प्रधानमंत्री, मोदीजी से ज्यादा कट्टर होगा इसलिए नितिन गडकरी, शिवराज सिंह चौहान और राजनाथ सिंह भी बाहर हुए। अब इस थ्योरी मे सिर्फ दो लोग बच रहे है अमित शाह और देवेंद्र फडणवीस।
लक्ष्मण को सिंहासन कभी नहीं मिलता ये बीजेपी की परंपरा रही है इसलिए अमित शाह भी बाहर होते है। बचते है सिर्फ देवेंद्र फडणवीस, जब महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री थे तो काम जोरो शोरो से किया था।
दिल्ली NCR और पश्चिमी महाराष्ट्र मे सड़क, हॉस्पिटल और स्कूल विकास का मापदंड नहीं होते अपितु मापदंड होता है औद्योगिकीकरण।
देवेंद्र फडणवीस ने क्या किया ये तब समझ आया जब उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री बना। ठाकरे तो शायद कांग्रेस के कांट्रेक्ट पर आया था कि महाराष्ट्र को बर्बाद करो और नाम गुजरात का लगाओ। ठाकरे असल मायने मे महाराष्ट्र का लालू प्रसाद यादव था।
यदि बीजेपी फडणवीस को इस मुख्यमंत्री ना बनाये तो समझ लेना वो ही अगला प्रधानमंत्री है।फडणवीस मे काफी परिवर्तन भी आये है 10 साल पहले मोब लिंचिंग करने वाले को हिन्दू नहीं मानते थे मगर आज प्रतिक्रियात्मक कार्रवाई कहते है।
संभाजी नगर मे खडे होकर औरंगजेब पर जो लाइन बोली वो दर्शाती है कि रवैया अब बदल गया है या यू कहे समय की धार देखकर अपना असली चेहरा दिखा दिया है।
योगी हिमांता गृह और रक्षा के लिये ज्यादा श्रेष्ठ है बजाय प्रधानमंत्री के, सिंधिया, गोयल और वैष्णव कॉर्पोरेट लेवल के है इनके लिये प्रोडक्ट आधारित मंत्रालय बेस्ट है।
हालांकि ये सिर्फ मेरी थ्योरी है इसका कोई सपोर्टिंग डॉक्यूमेंट मेरे पास भी नहीं है मगर ये एक अवलोकन है। असहमति होना भी स्वाभाविक है क्योंकि विधि का विधान अभी 5 वर्ष दूर है। मगर ये थ्योरी सही हुई तो देवेंद्र फडणवीस दिल्ली के सिन्हासन पर बैठेंगे जरूर।
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